परिचय
ब्रज उत्तर प्रदेश राज्य का सर्वप्रमुख प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह सम्पूर्ण भारत में भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली और उनकी लीलाओं के लिए प्रसिद्ध है। ‘ब्रज’ शब्द के अर्थ का काल-क्रमानुसार ही विकास हुआ है। वेदों और रामायण-महाभारत के काल में जहाँ इसका प्रयोग ‘गोष्ठ’, ‘गो-स्थान’ जैसे लघु स्थल के लिये होता था,
वहीं पौराणिक काल में ‘गोप-बस्ती’ जैसे कुछ बड़े स्थान के लिये इसका प्रयोग किया जाने लगा। उस समय तक यह शब्द एक प्रदेश के लिए प्रयुक्त न होकर क्षेत्र विशेष का ही प्रयोजन स्पष्ट करता था। भागवत में ‘ब्रज’ क्षेत्र विशेष को इंगित करते हुए प्रयुक्त हुआ है। वहाँ इसे एक छोटे गाँव की संज्ञा दी गई है। उसमें ‘पुर’ से छोटा ‘ग्राम’ और उससे भी छोटी बस्ती को ‘ब्रज’ कहा गया है। 16वीं शताब्दी में ‘ब्रज’ प्रदेश के अर्थ में होकर ‘ब्रजमंडल’ हो गया और तब उसका आकार 84 कोस का माना जाने लगा था। उस समय मथुरा ‘ब्रज’ में सम्मिलित नहीं माना जाता था। सूरदास तथा अन्य ब्रजभाषा के कवियों ने ‘ब्रज’ और मथुरा का पृथक् रूप में ही कथन किया है।