श्यामा श्याम सलौनी सूरत
श्यामा श्याम सलौनी सूरत का सिंगार बसन्ती है
मोर मुकुट की लटक बसन्ती, चंद्रकला की चटक बसन्ती, मुख मुरली की मटक बसन्ती,
सिर पै पैंच श्रवण-कुंडल छविदार बसंती है ||
श्यामा श्याम——-
माथे चन्दन लगा बसंती, पट पीताम्बर कसा बसन्ती, पहना बाजूबंद बसन्ती,
गुंजमाल गल सोहै, फूलनहार बसन्ती है ||
श्यामा श्याम——
कनक कडूला हाथ बसन्ती, चले चाल अलमस्त बसन्ती, पहन रहे पोशाक बसन्ती,
रुनक-झुनक पग नूपुर की झनकार बसन्ती है ||
श्यामा श्याम——-
संग ग्वाल की टोल बसन्ती, बजे चंड्ग छप ढोल बसन्ती,बोल रहे हैं बोल बसन्ती,
सब सखियन में राधेजी सरदार बसन्ती हैं ||
श्यामा श्याम———